
Kavya-Sudha
About the book:
बेनूर फ़िज़ा में जो रंग भर रहा हूँ, न पूछो किस दर्द से गुज़र रहा हूँ..
सफ़र के कई मक़ाम छोड़ चले, नहीं मालूम मैं जा किधर रहा हूँ..
महफिल में तोहमत तो खूब मिले, जाने किस इल्ज़ाम से डर रहा हूँ!
एक दस्तक के झूठे इंतज़ार में, थोड़ा चलकर फिर ठहर रहा हूँ..
ये सोचकर कि नया जहां बसाएंगे, कितने ही शाम यूँ बेघर रहा हूँ..
लूटकर तारीफ़ें ज़माने भर से, घुट-घुट कर अंदर से मर रहा हूँ..
न मिटा सका पुराने...
About the book:
बेनूर फ़िज़ा में जो रंग भर रहा हूँ, न पूछो किस दर्द से गुज़र रहा हूँ..
सफ़र के कई मक़ाम छोड़ चले, नहीं मालूम मैं जा किधर रहा हूँ..
महफिल में तोहमत तो खूब मिले, जाने किस इल्ज़ाम से डर रहा हूँ!
एक दस्तक के झूठे इंतज़ार में, थोड़ा चलकर फिर ठहर रहा हूँ..
ये सोचकर कि नया जहां बसाएंगे, कितने ही शाम यूँ बेघर रहा हूँ..
लूटकर तारीफ़ें ज़माने भर से, घुट-घुट कर अंदर से मर रहा हूँ..
न मिटा सका पुराने...
