
Mahabharat Evam Srimadbhagavadgeeta Dharm Ka Samajshastriya Nirupan
श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं का ग्रन्थ अवश्य है, लेकिन इसे मात्र हिन्दुओं का धार्मिक ग्रन्थ रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। गीता में जिस जीवन-दर्शन का प्रतिपादन हुआ है वह समस्त मानव जाति के लिए उपयोगी है। गीता पूरी मानव जाति और उनवेफ विश्वासों एवं मूल्यों का आदर करती है। गीता किसी विशिष्ट व्यक्ति, जाति, वर्ग, पंथ, देश-काल या किसी रूढ़िग्रस्त सम्प्रदाय का ग्रन्थ नहीं बल्कि यह सार्वलौकिक, सार्वकालिक धर्म...
श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं का ग्रन्थ अवश्य है, लेकिन इसे मात्र हिन्दुओं का धार्मिक ग्रन्थ रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। गीता में जिस जीवन-दर्शन का प्रतिपादन हुआ है वह समस्त मानव जाति के लिए उपयोगी है। गीता पूरी मानव जाति और उनवेफ विश्वासों एवं मूल्यों का आदर करती है। गीता किसी विशिष्ट व्यक्ति, जाति, वर्ग, पंथ, देश-काल या किसी रूढ़िग्रस्त सम्प्रदाय का ग्रन्थ नहीं बल्कि यह सार्वलौकिक, सार्वकालिक धर्म...