
Midil Klasiya
About the book:
"टूथपेस्ट की ट्यूब को जिस निर्ममता से दबा-दबाकर एक मिडिल क्लास इंसान पेस्ट निकालता है, जिंदगी उसी इत्मिनान से मिडिल क्लासिये का कचूमर निकाल देती है।" बचपन में हम सबने एक बाइस्कोपवाला जरूर देखा होगा, जो अपने नन्हें से डिब्बे में एक चलता-फ़िरता संसार लिये घूमा करता था। नयी पीढ़ी के अनुभवी लेखक सत्यदीप त्रिवेदी वही बाईस्कोपवाले हैं। स्याह मोतियों की माला, जनता लंगड़दीन और दो आशिक़ अन्जाने ...
About the book:
"टूथपेस्ट की ट्यूब को जिस निर्ममता से दबा-दबाकर एक मिडिल क्लास इंसान पेस्ट निकालता है, जिंदगी उसी इत्मिनान से मिडिल क्लासिये का कचूमर निकाल देती है।" बचपन में हम सबने एक बाइस्कोपवाला जरूर देखा होगा, जो अपने नन्हें से डिब्बे में एक चलता-फ़िरता संसार लिये घूमा करता था। नयी पीढ़ी के अनुभवी लेखक सत्यदीप त्रिवेदी वही बाईस्कोपवाले हैं। स्याह मोतियों की माला, जनता लंगड़दीन और दो आशिक़ अन्जाने ...
