Kalam-e-Ufque Barari (Intekhab)

Available
0
StarStarStarStarStar
0Reviews

About the book:
उस्ताद उफुक़ बरारी की शायरी की तारीफ करना सूरज को चराग़ दिखाने जैसा है। उनका पहला शेरी मजमुआ उर्दू में "बाम ए उफुक़" के नाम से छप चुका है। इस ग़ज़ल संग्रह में जिसका नाम "कलाम ए उफुक़ बरारी" है जिस में ऐसी ही ग़ज़लों का इंतेखाब किया गया है जो आम फहम हों और इन ग़ज़लों से ऐसे ही अशआर चूने गये हैं जो आसानी से समझ में आ जाएं। मैंने ये ग़ज़ल संग्रह तरतीब देकर अपने उस्ताद का हक़ अदा करने क...

Read more
E-book
epub
Price
0.01 £

About the book:
उस्ताद उफुक़ बरारी की शायरी की तारीफ करना सूरज को चराग़ दिखाने जैसा है। उनका पहला शेरी मजमुआ उर्दू में "बाम ए उफुक़" के नाम से छप चुका है। इस ग़ज़ल संग्रह में जिसका नाम "कलाम ए उफुक़ बरारी" है जिस में ऐसी ही ग़ज़लों का इंतेखाब किया गया है जो आम फहम हों और इन ग़ज़लों से ऐसे ही अशआर चूने गये हैं जो आसानी से समझ में आ जाएं। मैंने ये ग़ज़ल संग्रह तरतीब देकर अपने उस्ताद का हक़ अदा करने क...

Read more
Follow the Author

Options

  • Formats: epub
  • ISBN: 9789356106352
  • Publication Date: 29 Apr 2022
  • Publisher: PublishDrive
  • Product language: Hindi
  • Drm Setting: DRM